... हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी कैसे कहते हैं? Happy Janmashtami: - TELECOMNEWSINDIA1

Age Calculator

हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी कैसे कहते हैं?

किस दिन है शुभ जन्माष्टमी?

इस वर्ष- गुरु, 7 सितंबर, 2023
अगले वर्ष- सोम, अगस्त 26, 2024
पिछले साल- शुक्रवार, 19 अगस्त, 2022

Table of Contents

हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी कैसे कहते हैं?

सूरू

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसे हम हर साल धूमधाम से मनाते हैं। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को याद करने के रूप में मनाया जाता है और भारत के विभिन्न हिस्सों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि “हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी कैसे कहते हैं?” और इस उत्सव को कैसे मनाया जा सकता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी क्या है?

हमारा यह उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को मनाने के लिए होता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा में पड़ता है। यह त्योहार एक दिन के नहीं, बल्कि दो दिन के रूप में मनाया जाता है, और इसके दो प्रमुख दिन होते हैं – जन्माष्टमी के इस पहले दिन को ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ कहा जाता है, और दूसरे दिन को ‘दही हांडी’ या ‘दही कूड़ा’ कहा जाता है।

कृष्ण की पत्नी कौन है?

भगवान कृष्ण की पत्नी का नाम रुक्मिणी था। वह एक प्रमुख पात्रीणी थी और भगवान कृष्ण के साथ द्वारका में रहती थी। उनका विवाह एक लोकप्रिय कथा के रूप में प्रसिद्ध है और यह कथा भगवद पुराण में विस्तार से वर्णित है। भगवान कृष्ण और रुक्मिणी का विवाह भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और भक्ति संदेश का प्रतीक है।

उत्सव की तैयारियाँ

इस महत्वपूर्ण त्योहार को मनाने के लिए तैयारियों की शुरुआत बच्चे से ही होती है। घरों को सजाने और सजाने के लिए श्रीकृष्ण जी के पुतले बनाए जाते हैं और घर को सुंदर रूप में सजाया जाता है।

उपवास और पूजा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त उपवास करते हैं और पूजा करते हैं। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है और भगवान के लाल वस्त्र पहनाए जाते हैं।

मिश्री की मक्खन चोरी

एक दिलचस्प परंपरा इस त्योहार के दूसरे दिन की है, जिसे ‘दही हांडी’ कहते हैं। इस दिन, छोटे बच्चे घर में बांधे हुए मिश्री की मक्खन बालक श्रीकृष्ण की मक्खन चोरी करते हैं। इसे हँसी-मजाक में किया जाता है और इससे त्योहार की खुशियों का अभिवादन किया जाता है।

एक पंक्ति में कृष्ण कौन है?

भगवान कृष्ण भारतीय पौराणिक ग्रंथों में हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण अवतार माने जाते हैं। वे विष्णु भगवान के आठवें अवतार में आते हैं और महाभारत के युद्ध के समय अर्जुन के सारथि के रूप में भी प्रकट हुए थे। उन्होंने भगवद गीता के माध्यम से मानवता को महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक संदेश दिए थे।

इस पंक्ति में भी कृष्ण का महत्वपूर्ण रूप और भाग्य दिखाया जाता है, और उनके अवतार का महत्व बताया जाता है।

नृत्य और संगीत

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लोग नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं। बच्चे और युवा बच्चे श्रीकृष्ण के गानों पर नृत्य करते हैं और संगीत का आनंद लेते हैं।

कृष्ण को इतना प्यार क्यों किया जाता है?

कृष्ण को इतना प्यार किया जाता है क्योंकि वे हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण और प्रिय अवतार माने जाते हैं और उनके जीवन के कई पहलू और गुणों का मानना किया जाता है। यहां कुछ कारण दिए गए हैं जिनके कारण कृष्ण को इतना प्यार किया जाता है:

  1. भगवान के अवतार के रूप में: कृष्ण को विष्णु भगवान के आठवें अवतार के रूप में माना जाता है, और विष्णु भगवान के अवतार को हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व दिया जाता है।
  2. बाल लीलाएँ: कृष्ण के बचपन की कहानियाँ और उनकी बाल लीलाएँ उनके भक्तों के बीच बहुत प्रिय हैं। उनके खिलौनों से लेकर माखन चोरी तक के किस्से आज भी लोकप्रिय हैं और उन्हें बच्चों को सिखाने का तरीका माना जाता है।
  3. भगवद गीता: कृष्ण का भगवद गीता में महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें वे अर्जुन को धर्म, कर्म, और भक्ति के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उपदेश देते हैं। इसके बल्बले क्षणों में कृष्ण का भक्तों के लिए महत्वपूर्ण आदर्श स्थान है।
  4. प्रेम और लीला: कृष्ण की गोपियों के साथ रास लीला और उनके प्रेम की कहानियाँ उन्हें प्रेम और भक्ति के प्रतीक के रूप में मानी जाती हैं।
  5. महापुरुष के रूप में: कृष्ण को महापुरुष के रूप में माना जाता है, जो मानवता के लिए आदर्श जीवन जीते थे। उनके जीवन में दया, करुणा, और सहानुभूति की अद्वितीय उपादेयता है।

उत्सव

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आगाज सुबह उठकर किया जाता है। घर के मंदिरों में भगवान की मूर्ति की पूजा की जाती है और उपवास के बाद पूजा का विशेष भोग चढ़ाते हैं।

रात का उत्सव

जन्माष्टमी के रात को घरों में उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस रात को बच्चे और युवा बच्चे श्रीकृष्ण के चरणों में नृत्य करते हैं और उनके कथा-कीर्तन करते हैं।

उत्सव का समापन

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से समाप्त होता है। लोग एक-दूसरे को खुशियों की शुभकामनाएं देते हैं और मिलकर उत्सव का समापन करते हैं।

भगवान कृष्ण का सबसे अच्छा संदेश क्या है?

भगवान कृष्ण के द्वारा दिए गए भगवद गीता में उन्होंने कई महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख संदेश निम्नलिखित हैं:

  1. कर्मयोग: भगवान कृष्ण ने कहा कि हमें कर्म करना चाहिए, परन्तु फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्म अच्छा होना चाहिए और हमें उसके फल को भगवान को समर्पित करना चाहिए।
  2. भक्तियोग: भगवान कृष्ण ने भक्ति का महत्व बताया और कहा कि भगवान के प्रति पूर्ण भक्ति करने से व्यक्ति भगवान के पास पहुँच सकता है।
  3. ज्ञानयोग: उन्होंने ज्ञान का महत्व बताया और कहा कि आत्मा का ज्ञान प्रमुख है। व्यक्ति को अपने आत्मा की पहचान करनी चाहिए.
  4. धर्म का पालन: भगवान कृष्ण ने धर्म के महत्व को बताया और कहा कि हमें अपने कर्मों को धर्मपरायणता से करना चाहिए।

ये संदेश भगवान कृष्ण के जीवन और उनके भगवद गीता के माध्यम से मानवता को मार्गदर्शन करते हैं। भगवान कृष्ण के संदेशों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को सफलता, सुख, और सांत्वना के साथ जी सकता है।

जन्माष्टमी पर अच्छे उद्धरण क्या हैं?

जन्माष्टमी पर उद्धरण भगवान कृष्ण के जीवन और महत्व से संबंधित होते हैं, और ये उद्धरण भक्तों के लिए प्रेरणास्पद होते हैं। यहां कुछ अच्छे जन्माष्टमी उद्धरण हैं:

  1. “मन में बसे श्रीकृष्ण के चरण, दुःखों का नाश करते हैं, सुख-शांति हमें बरसाते हैं। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!”
  2. “श्रीकृष्ण के आगमन के साथ, आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि की बौछार हो। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!”
  3. “भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर, हम सबको उनके जीवन के महत्वपूर्ण संदेशों का आदर करना चाहिए। जन्माष्टमी की शुभकामनाएं!”
  4. “जन्माष्टमी के इस पवित्र मौके पर, हम भगवान कृष्ण के बलिदान को याद करते हैं और उनके पावन चरणों की पूजा करते हैं। जय श्रीकृष्णा!”
  5. “भगवान कृष्ण का जन्म हमें याद दिलाता है कि धर्म और सत्य पर हमेशा विश्वास करना चाहिए। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!”

परिनाम

इस त्योहार के माध्यम से हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को याद करते हैं और उनके दिव्य जीवन की महत्वपूर्ण कथाओं को सुनाते हैं। यह त्योहार हमारे जीवन में आनंद और समृद्धि लेकर आता है और हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ने का मौका देता है।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी किस तारीख को मनाई जाती है?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा में मनाई जाती है। इसका तारीखिक महत्व होता है।

2. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दौरान कौन-कौन सी परंपराएं मनाई जाती हैं?

इस उत्सव के दौरान लोग पूजा, नृत्य, गाने और मक्खन चोरी जैसी परंपराएं मनाते हैं।

3. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कौन-कौन से व्रत रखे जाते हैं?

इस दिन भक्त उपवास करते हैं और विशेष पूजा करते हैं। उपवास के दौरान विशेष भोग चढ़ाते हैं।

4. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कौन-कौन सी रसमें शामिल होती हैं?

इस दिन मिश्री की मक्खन चोरी, दही कूड़ा, और बालकों के द्वारका धाम यात्रा जैसी रसमें भाग लिया जाता है।

5. इस त्योहार का क्या महत्व है?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व है क्योंकि यह हमें भगवान श्रीकृष्ण के महत्वपूर्ण जीवन की कथाओं को याद दिलाता है और हमें धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सुधारता है।

इस अद्वितीय त्योहार को मनाने के लिए आपको जन्माष्टमी के उत्सव की धूमधाम में भाग लेने का मौका मिलता है, और इसे आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों से मना सकते हैं।

टिप्पणी

इस जन्माष्टमी, हम आपको शुभकामनाएं भेजते हैं और आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करते हैं। इस त्योहार को सभी के साथ खुशियों से मनाएं और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा में रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *